रिश्तों में कहीं कोई दरार न पड़ जाए, हरदम सोंच-समझकर मुँह खोलता हूँ | क्या पता, कब, किसको कौन सी बात बुरी लग जाए, इसलिए पहले तोलता हूँ, फिर बोलता हूँ || पहले तोलो, फिर बोलो! #VKS