न ख़्वाहिशों का तरजुमा न चाहतों की दुआ बेख़ौफ़ हो मेरे मुल्को जहाँ की आबोहवा माना के हो रहा है जो है नहीं ये तेरी रज़ा आदमी को मिल रही है दरिंदगी की सज़ा मुवाफ़ करना मेरे वली सारी दुनियाँ के गुनाह फ़लक आबाद दुनियाँ को दे वो मीठी पनाह चहक उठे ये गुलशन तेरे अरमाँ की तरह खुशहाल हो ज़िन्दगी यहाँ पहले की तरह दिलों में एक तेरा एहसास रंग यों लाए हर आदमी जीने लगे आदमी की तरह #toyou #yqlove #yqpeace #yqsupremepower #yqnature #yqbeinghuman