मुझ पर अब ये घिनौना इल्जाम ना लगाओ रकीब, मैं तुम्हारी मोहब्बत की मोहब्बत कभी था ही नहीं, बस एक ईहाम था, मुठ्ठी में रेत को कसे रखने का, यक़ीन मान मैं आज भी हंसता हूं, आईना देख कर.. ✍🏻✍🏻 उत्कर्ष रस्तोगी #Texture #love #hate #Failuer ND😘 Roshani Thakur Roy MeghA.....♥♥