Nojoto: Largest Storytelling Platform

चलो सारे मिलकर ये रीत निभाए, आज मधुर कोई गीत सुनाय

चलो सारे मिलकर ये रीत निभाए,
आज मधुर कोई गीत सुनाये।
घबराता क्यूँ है ये समय भी बीत जायेगा,
आओ मिलकर दीप जलाए।


खुले आकाश में  देखो पंछी चहचाते है,
एकता की  एक सच्ची परिभाषा बतलाते है 
एक स्वर और एक आगाज,
आज कर्तव्य अपना हम सब भी निभाए,
आओ मिलकर दीप जलाए, सारे मिलकर दीप जलाए।

रात अधेरे सूरज उग आये,
काली रातो से भीड जाए,
एक ही है  परिवार हमारा,
कोई नही अकेला क्यूँ घबराये।
मिलकर साथ लडेंगे हम , आओ जग को ये दिखलाये,
सारे मिलकर दीप जलाए, आओ मिलकर दीप जलाए।
    सारी कुरुतियो को दुर भगाये,
आओ मिलकर दीप जलाए।
    
                                                    लेखक : रोहित बैराग # दीप जलाए # lockdown
चलो सारे मिलकर ये रीत निभाए,
आज मधुर कोई गीत सुनाये।
घबराता क्यूँ है ये समय भी बीत जायेगा,
आओ मिलकर दीप जलाए।


खुले आकाश में  देखो पंछी चहचाते है,
एकता की  एक सच्ची परिभाषा बतलाते है 
एक स्वर और एक आगाज,
आज कर्तव्य अपना हम सब भी निभाए,
आओ मिलकर दीप जलाए, सारे मिलकर दीप जलाए।

रात अधेरे सूरज उग आये,
काली रातो से भीड जाए,
एक ही है  परिवार हमारा,
कोई नही अकेला क्यूँ घबराये।
मिलकर साथ लडेंगे हम , आओ जग को ये दिखलाये,
सारे मिलकर दीप जलाए, आओ मिलकर दीप जलाए।
    सारी कुरुतियो को दुर भगाये,
आओ मिलकर दीप जलाए।
    
                                                    लेखक : रोहित बैराग # दीप जलाए # lockdown