मन बहुत ही क्षुब्ध है। रो रही होगी माँ भारती, जिसकी बेटियों को लकड़बघ्घे नोच रहे हैं और उसके बेटे आँखे और कान मूंदे सो रहे हैं।
सिर्फ सरकार से प्रश्न करने से नहीं होगा, सिर्फ सजा बढ़ा देने से नहीं होगा|
जिस दिन देश के हर बेटे को ये डर हो जायेगा की इस जघन्य अपराध के बाद उसके माँ , बाप और उसके अपने उसका साथ छोड़ देंगे , उस दिन जाके रुकेंगी ये घटनाएं। ...
देश मेरा रो रहा है..........
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