‘ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिले सबन को अन्न, छोट-बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न’ - संत रविदास
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अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में व्याप्त बुराईयों एवं कुरीतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले संत रविदास जी को जयंती पर शत-शत नमन 🙏 #संत#रविदास