झिलमिल बरते-बरते हिलमिल झरते-झरते, बात कराते-करते दिल में पलते-पलते । आँखें मलते-मलते धीमे चलते-चलते, रात जलाते-जलते दिन में ढलते-ढलते ।। चाँद मुझे प्रियतम की याद दिला जाता है, प्यासे मन को चिर संवाद पिला जाता है । स्नेह सारिका व्यानसंगिनी के जीवन में, अकथ प्रेम का स्वर्णिम स्वाद मिला जाता है ।। 💮कृपया ध्यान रखिएगा की हमारे साथ COLLAB करते टाइम आपका "COLLAB" का option भी ON हो। अन्यथा आपकी एंट्री प्रतियोगिता से बाहर हो जाएगी🙏। आज की प्रतियोगिता के लिए आज हमारे शब्द हैं 🌸"चलते चलते" #wkd33 इन शब्दों को प्रयुक्त करते हुए कविता, शायरी या किसी अन्य रूप में रचना कीजिये। 👉 कृपया ध्यान दीजिएगा इस प्रतियोगिता में तीन विजेताओं का चयन किया जाएगा। 👇 💮1. दो लाइन की रचना के विजेता का 💮2. चार लाइन की रचना के विजेता का