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स्वतंत्रता सेनानी चाहते तो औरों की तरह की तरह वे

स्वतंत्रता सेनानी

चाहते तो औरों की तरह की तरह वे भी 
चुपचाप बैठे रह सकते थे,
बीवी और बच्चों के साथ घर पर बैठकर 
 चाय की चुस्कियां वे भी ले 
 सकते थे ।।

लेकिन भगावत करने की ठानी उन्होंने
बंदूकें उठाई और रक्त बहाया,
हमारे देश को स्वतंत्र बनाने के लिए अपना सीना 
उन्होंने गोलियों से छलनी करवाया ।।

स्वयं तपते रहे ताकि हमें रोशनी मिल सकें,
वे खुद रहे सलाखों में
ताकि हम खुले आसमान में फूलों की तरह
खिल सकें ।।

असलजिंदगी के नायक थे वे और थे योद्धा 
अत्यंत ही महान,
स्वतंत्रता रूपी महायज्ञ में अर्पण किये 
थे अपने प्राण ।।

मातृभूमि के लिए शहीद हुए थे वे और अब हमें 
मातृभूमि के लिए ही जीना है,
उनके बलिदान का मूल्य चुका सके जो ऐसा मुकाम 
हमें हासिल करना है ।
लड़ाई-झगड़े के बजाए हमें मिल जुलकर 
रहना है,
कट्टरता के विष नहीं हमें भाईचारे का 
अमृत पीना है ।।

©Harshit Ranjan #स्वतंत्रतासेनानी
स्वतंत्रता सेनानी

चाहते तो औरों की तरह की तरह वे भी 
चुपचाप बैठे रह सकते थे,
बीवी और बच्चों के साथ घर पर बैठकर 
 चाय की चुस्कियां वे भी ले 
 सकते थे ।।

लेकिन भगावत करने की ठानी उन्होंने
बंदूकें उठाई और रक्त बहाया,
हमारे देश को स्वतंत्र बनाने के लिए अपना सीना 
उन्होंने गोलियों से छलनी करवाया ।।

स्वयं तपते रहे ताकि हमें रोशनी मिल सकें,
वे खुद रहे सलाखों में
ताकि हम खुले आसमान में फूलों की तरह
खिल सकें ।।

असलजिंदगी के नायक थे वे और थे योद्धा 
अत्यंत ही महान,
स्वतंत्रता रूपी महायज्ञ में अर्पण किये 
थे अपने प्राण ।।

मातृभूमि के लिए शहीद हुए थे वे और अब हमें 
मातृभूमि के लिए ही जीना है,
उनके बलिदान का मूल्य चुका सके जो ऐसा मुकाम 
हमें हासिल करना है ।
लड़ाई-झगड़े के बजाए हमें मिल जुलकर 
रहना है,
कट्टरता के विष नहीं हमें भाईचारे का 
अमृत पीना है ।।

©Harshit Ranjan #स्वतंत्रतासेनानी