White रे बुलबुल! पूछ करके आ, कैसे मां बना डाली ? दुखों को करके दरकिनार सुखों का गूंथ करके हार दिल में ममता बेशुमार आंचल अहर्निश पतवार स्वर्ग को गढ़ के तूने साज इक काया बना डाली रे बुलबुल .... मुझे होली दिवाली क्या? मुझे रंगों की डाली क्या? मेरी धानी - धरा लहलह मुझे चंदा की प्याली क्या? सिसकती रात छट जाती, कसक से प्यास नट जाती, तेरी सिंदूरी छइयां में, यूं हर फरियाद मिट जाती, दुपहरी कर सहज शीतल, तरल शम्मा बना डाली री बुलबुल... ©Savyasachi 'savya ' #mothers_day #Panditsavya