श्रद्धा और विश्वास जैसे धरती और आकाश फिर से सोच लो तुम बदलाव लाना है जब हैं ये दोनों सदा मेरे पास जितनी बार गिरोगे और मरोगे उतनी बार मुझे ही मारोगे जितनी बार कड़वा बोलोगे उतनी बार शहद पियोगे मुझे अब कोई फर्क नही पड़ता ज़माने के अब मोहब्बत में अंधा ज़माना ये कहता अब और भी दृढ़ हो चले और होते जाएंगे पाके तुम्हें पास हो गयी है बेशक तुम्हारी सोच अब सूखा बांस श्रद्धा और विश्वास जैसे धतरी और आकाश सुप्रभात। श्रद्धा और विश्वास जैसे धरती और आकाश... #धरतीआकाश #collab #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi