ख़्वाहिश वो बताते थे ये पूछती थी इन लोगो ने तो सैर कर लिए थे यूं ही नही पूंछती रही होगी कुछ लालसा तो रही होगी चलो वो एक बार ही गए थे तो बताने को क्या, वही था बताने को पर इनको क्या, बोल न सके एक बार घुमाने को मन था, की एक बार बेटा घुमाएगा जरूर बस एक ही बार टिकट कटाएगा जरूर उडता है जब तो कैसा लगता है सांस तो नही रुकती और अगर कुछ हो गया तो ड्राइवर को बोलके रुक तो सकते है ना मॉ थी रहती थी जो मन मे होता था हवाईजहाज़ क्या रुका है कहने पे जब टिकट तक नही कटी इतने कहने पे लालसा तो मन मे रह गई बडी ,करके बंद चले गई लाल ,अब हवा मे उडता है परिवार बस यादों मे कुढता है #लालसा #चाह #मन #Sadharanmanushya ©#maxicandragon वो बताते थे ये पूछती थी इन लोगो ने तो सैर कर लिए थे यूं ही नही पूंछती रही होगी कुछ लालसा तो रही होगी चलो वो एक बार ही गए थे तो बताने को क्या, वही था बताने को पर इनको क्या, बोल न सके एक बार घुमाने को