अपनापन का एक सुरुर था । वो भी हवा की तरह उड़ गया ।। अपना समझना एक फितूर था । वो भी समझदार हो गया ।। कुछ अनकही बातें थी दिल मे। वो भी पन्नों मे लिखी रह गयी।। कुछ कहना था उनसे। वो भी जुबां पर आकर रुक गयी।। ©DeePak SeMwaL #blackandwhite Dhanesh Dwivedi