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कभी मंज़िल भी हुआ करती थी एक, उसकी और मेरी, पर अब

कभी मंज़िल भी हुआ करती थी एक, उसकी और मेरी,
पर अब तो हो चुका है अलग-अलग हम दोनों का रास्ता,
बदल गया सब, न अब वो मेरी है और न हूं मैं उसका,
क्योंकि शक़ के बाद नहीं रहा हम दोनों के बीच प्यार जैसा कोई भी वास्ता। #शायरी #प्यार #धोखा #नफ़रत
कभी मंज़िल भी हुआ करती थी एक, उसकी और मेरी,
पर अब तो हो चुका है अलग-अलग हम दोनों का रास्ता,
बदल गया सब, न अब वो मेरी है और न हूं मैं उसका,
क्योंकि शक़ के बाद नहीं रहा हम दोनों के बीच प्यार जैसा कोई भी वास्ता। #शायरी #प्यार #धोखा #नफ़रत
bharatdubey6315

Bharat Dubey

New Creator