वो मेरे रुह मे छिपी मंजर, मैं सुखी धरती बंजर, मै बारिश कि आस मे बैठा राहगीर, वो आसमान का बादल, मैं अपनी दुनिया का फ़क़ीर, वो अपने रजवाड़े का आमिर, बस तेरा मेरा अलग फ़साना, क्या कहंगे लोग क्या कहेगा जमाना?? #writer #poem #story #lekahk #jindagi