पास रहे तो क्या हुआ,,रोज़ कोई याद नहीं आता है ।। रोज़ दिखने वाले इस चाँद का दीदार भी,, एक दिन बड़े चाव से किया जाता है ।। मतलबी है सब इस मतलबी दुनिया में,, ऐसे कोई नहीं बस मतलब से याद किया जाता हैं ।। रोज़ दिखने वाले इस चाँद का दीदार भी,, एक दिन बड़े चाव से किया जाता है ।। यूँ ही