तीज की रात चाँद से बस इतनी सी इल्तिज़ा है मेरी, ऐ!चाँद कल तुम जल्दी से आ जाना, वो प्यासी रहेगी और भूखी भी, तबीयत ठीक नहीं रहती उसकी, हाँ पर सजना सवरना नहीं भूली है अब भी, मेहँदी, चूड़ियाँ, सिंदूर और वो लाल साड़ी जो कभी मैंने दी थी उसे, बला की खूबसूरत लगती है वो आज भी, तुम मन छोटा मत करना, तुम भी सूंदर हो, ज्यादा इंतज़ार मत करवाना, तुम बस जल्दी से आ जाना, उसे इंतज़ार पसंद नहीं, गुस्सा करती है वो, गुस्से में फिर तबीयत बिगड़ जाती है उसकी, मेरी लंबी उम्र माँगेगी तूमसे, मेरी उम्र तो उससे है, फिर भी जो माँगे दे देना, मै उसे ही देने वाला हूं ये उम्र भी, तुम बस जल्दी आ जाना, बस इतनी सी इल्तिज़ा है मेरी, इंतज़ार मत करवाना । #इल्तिज़ा#इंतज़ार#जल्दी#चुड़िया#सिंदूर#खूबसूरत#हिंदी#