तेरी आंखों की चमक हर बार मुझसे कहती हैं तेरे साथ मेरी परछाई रहती है तु चादं है, सूरज है, धरती है, या गगन है ना जाने क्यों ये धड़कन तुझमें यूँ मगन है तेरे चेहरे की चमक मेरे दिल में एक बार फिर से बसी है इस दिल की गलियाँ तेरी लिए एक बार फिर से सजी है तेरा हंसता चेहरा तेरी प्यारी मुस्कान कहीं ले ना ले इक मर्तबा फिर मेरी जान ओ मेरे जान-ऐ-बहार दिल को आया है तुझपे फिर इक मर्तबा प्यार ❣️❣️ Pyaar ❣️❣️❣️