सूखे फूल किस्से अधूरे जो जिंदगी के रह गए, खिलते चेहरे के गुलाब मुरझा गए, सींचा था जिनको प्यारे लफ्जों के बोल से, गम में किसी के वो फूल अब मुरझा गए । बहारों का वो मौसम अब रीत गया, जिंदगी का बसंत लगता है बीत गया, तभी तो अब ये वियोग की ज्वाला धधक रही, खुशियों से भरी फूलों सी ये बगिया उजड़ रही। अब तो जिंदगी की डायरी में रह गए चंद वो , जिनको देख देख अब भी तुमको हम नहीं पाते भूल। ©Dayal "दीप, Goswami.. #SookhePhool RAVINANDAN Tiwari