यूँ जब्त होते गए सफर कहि का पहुच कहि गए तुम्हारी धुन में यूँ खोते चले गए नही दिखा कैसा सफर कहां मंजिल बस चल परा उस और ख्वाब किसी और का मुक्कमल करने की चाहत हमारी होती गई । चाहत किसी और का पाने की फितूर हमारी होती गई । तुम्हारी घुन में रंगा ऐसा था कभी इस जहां का बना दिया किसी ओर जहां का । तुम्हारी धुन में नहीं ये देखा सफ़र है कैसा सफ़र कहाँ का है। #तुम्हारीधुनमें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi