बेवजह घर से निकलने की क्या जरूरत है । मौत से नजरें मिलाने की क्या जरूरत है ।। जिंदगी नेमत है उसे संभाल के रखो । कब्रिस्तान सजाने की क्या जरूरत है ।। सबको पता है कि बाहर की हवा कातिल है । फिर कातिल से उलझने की क्या जरूरत है ।। दिल बहलाने के लिए घर में ही मजा काफी है । यूं बेवजह गलियों में भटकने की क्या जरूरत है ।। ©Ehsaas.....Adhure se.... क्या जरूरत है ? #alone