Nojoto: Largest Storytelling Platform

तेरे दिए ज़ख्मों पर मरहम कुछ इस तरह लगाऊंगा इतना ब

तेरे दिए ज़ख्मों पर मरहम कुछ इस तरह लगाऊंगा 
इतना बदलूंगा खुद को की तुझे नजर भी नहीं आऊंगा
तू बनाती रहना दिन,सजाती रहना रातें रकीब की बेशक 
उसकी बाहों में होने पर हर वक़्त तुझे याद बेहिसाब आऊंगा ।

©Govind Hersal #apart
तेरे दिए ज़ख्मों पर मरहम कुछ इस तरह लगाऊंगा 
इतना बदलूंगा खुद को की तुझे नजर भी नहीं आऊंगा
तू बनाती रहना दिन,सजाती रहना रातें रकीब की बेशक 
उसकी बाहों में होने पर हर वक़्त तुझे याद बेहिसाब आऊंगा ।

©Govind Hersal #apart