यूँ तेरा मेरा मिलना था एक इत्तेफाक कब हम एक दूजे के लिए हो गये जरूरी पता भी न चला हर गम हर खूशी मे रहे साथ आँखों मे साथ लबों पर साथ आज फिर यूँ तेया मेरा जूदा होना भी है एक इत्तेफाक कब रूठने मनाने मे हमारे रास्ते अलग हो गये पता भी न चला अब यादोँ मे ही रहे हम साथ आँसूओ मे साथ खामोशी मे साथ । chandny ©Sangeeta Verma #Ittefaaq