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Musalman Ho toh gairat Kaha Mar gayi? *_जिस क़ौम मे

Musalman Ho toh gairat Kaha Mar gayi?
*_जिस क़ौम में पडौसी की बेटी कुँवारी बैठी हो,_*
*_और बेवाओं और यतीमों के लिए कोई नज़म ना हो,_*
*_और क़ौम के दौलत मन्द लोग उमराह पर उमराह कर रहे हों,_*
            *_क्या वो क़ौम_*         *_तरक़्क़ी कर सकती है ?
*_जिस क़ौम के ग़रीब
 बीमारों के पास इलाज का कोई बन्दोबस्त ना हो------
और क़ौम के डाक्टर की फ़ीस ग़ैर क़ौम के डॉक्टरों से ज़्यादा हो,_*
             *_क्या वो क़ौम_* 
             *_तरक़्क़ी कर सकती है ??   *_जिस क़ौम के होनहार नवजवान बे रोज़गारी के शिकार हों
 और क़ौम के मालदार लोग अपने महलात सँवार ने में लगे हों,_*
             *_क्या वो क़ौम_* 
          *_तरक़्क़ी कर सकती है
*_जिस क़ौम के फूक़रा और ग़रीब के पास रहने के लिए मकानात ना हों---
----और वहाँ जलसे और जुलूस में लाखों रुपए सर्फ़ होते हों,_*
             *_"क्या वो क़ौम_* 
           *_तरक़्क़ी कर सकती 
*_जिस क़ौम के लोग ईमाम और मोअज़्ज़िन का
 ख़ून चुंस रहे हों और मस्जिदें संगे मरमर से सजाई जा रही हों,_*
                *_"क्या वो क़ौम_*
            *_तरक़्क़ी कर सकती है ??
@arhan_haider Musalman Ho toh gairat Kaha Mar gayi? 
*_जिस क़ौम में पडौसी की बेटी कुँवारी बैठी हो,_*
*_और बेवाओं और यतीमों के लिए कोई नज़म ना हो,_*
*_और क़ौम के दौलत मन्द लोग उमराह पर उमराह कर रहे हों,_*
            *_क्या वो क़ौम_* 
                *_तरक़्क़ी कर सकती है ??_*
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Musalman Ho toh gairat Kaha Mar gayi?
*_जिस क़ौम में पडौसी की बेटी कुँवारी बैठी हो,_*
*_और बेवाओं और यतीमों के लिए कोई नज़म ना हो,_*
*_और क़ौम के दौलत मन्द लोग उमराह पर उमराह कर रहे हों,_*
            *_क्या वो क़ौम_*         *_तरक़्क़ी कर सकती है ?
*_जिस क़ौम के ग़रीब
 बीमारों के पास इलाज का कोई बन्दोबस्त ना हो------
और क़ौम के डाक्टर की फ़ीस ग़ैर क़ौम के डॉक्टरों से ज़्यादा हो,_*
             *_क्या वो क़ौम_* 
             *_तरक़्क़ी कर सकती है ??   *_जिस क़ौम के होनहार नवजवान बे रोज़गारी के शिकार हों
 और क़ौम के मालदार लोग अपने महलात सँवार ने में लगे हों,_*
             *_क्या वो क़ौम_* 
          *_तरक़्क़ी कर सकती है
*_जिस क़ौम के फूक़रा और ग़रीब के पास रहने के लिए मकानात ना हों---
----और वहाँ जलसे और जुलूस में लाखों रुपए सर्फ़ होते हों,_*
             *_"क्या वो क़ौम_* 
           *_तरक़्क़ी कर सकती 
*_जिस क़ौम के लोग ईमाम और मोअज़्ज़िन का
 ख़ून चुंस रहे हों और मस्जिदें संगे मरमर से सजाई जा रही हों,_*
                *_"क्या वो क़ौम_*
            *_तरक़्क़ी कर सकती है ??
@arhan_haider Musalman Ho toh gairat Kaha Mar gayi? 
*_जिस क़ौम में पडौसी की बेटी कुँवारी बैठी हो,_*
*_और बेवाओं और यतीमों के लिए कोई नज़म ना हो,_*
*_और क़ौम के दौलत मन्द लोग उमराह पर उमराह कर रहे हों,_*
            *_क्या वो क़ौम_* 
                *_तरक़्क़ी कर सकती है ??_*
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