पहले जैसा कुछ ना था सब बदल रहा था, जहा रूठने पर मनाया जाता था, वहा अब रिशता टूट रहा था, शायद उनके शहर की फिजा अब बदल गयी थी, जिन फिजाओ से रिशता हमारा था, उनको अब उनसे घुटन हो रही थी.. पहले जैसा कुछ ना था....