शब भी चहकी है ये भी आए हैं कहानी यहीं पूरी नहीं होती ! कल उस सम्त लगाए थे अब इस सम्त निभाए हैं परिंदों की भी ऐसी मजबूरी नहीं होती ! अब उल्टी वाह में बहता, कहो तुम्हारा बीज है बुरा महज़ तवायफ बुरी नहीं होती !!! Kaho ! Tumhara beej hai bura Mehz twaiyaf buri nahi hoti !