डाल से टूट कर वह खुद मर जाते हैं हवा की इक हल्की बयार भी उन्हें उड़ा ले जाती हैं वक्त के थपेड़े उन्हें यहाँ से वहाँ पहुँचाती हैं जब तक जान होती हैं सहता वह सब कुछ है धूप, बारिश, पतझड़, पर कहता ना वह कुछ है अपने अंत समय तक निभाता वह डाल का साथ है हीर-रांझा, लैला-मजनू, शीरीं-फरहाद इन से सच्ची ओ' अच्छी मोहब्बत है पत्ते कि डाल के साथ कयामत के रोज़ तक निभाते वह इक दूजे का साथ हैं धूप, पतझड़, वसंत, बहार, साथ सहते वह बरसात हैं सुप्रभात। कमियाँ सूखे पत्तों की तरह होती हैं। जो समय के साथ ख़ुद ब ख़ुद झड़ जाती हैं, बस शर्त यह है कि ईमानदारी से अभ्यास करते जाएँ। अपना काम करते जाएँ। #कमियाँ #yqdidi #yqhindishayari #yqhindipoetry #bestyqhindiquotes #yqhindi #aprichit #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi