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हे कृष्ण ! जब मेरे मन के घोड़े हार थक कर लौट आते ह

हे कृष्ण !
जब मेरे मन के घोड़े
हार थक कर लौट आते हैं
मुझे तुम याद आते हो !
मैं यक्सर भूल जाता हूँ तुम्हें
अपना वादा फ़िर भी तुम निभाते हो !
पर मुझे याद है
मैं तो एक अदना सा नर हूँ
तुम्हारे अंश का सौवां हिस्सा
शायद भूल भी इसलिए कर जाता हूँ !
जब भी शरण तेरी गहा तो
तुम झट से नारायण बन जाते हो ! 🤓#good night🤓
अब मार्ग दो मुझको विधाता
मैं भी कमाई कुछ करूँ
सन्मार्ग के पथ का पथिक बन
ऋणमुक्त मैं भी हो सकूं !
जो भी त्रुटियां हो चुकी हैं
अज्ञान या उन्माद में 
अब धर्म मर्यादा में चलकर
हे कृष्ण !
जब मेरे मन के घोड़े
हार थक कर लौट आते हैं
मुझे तुम याद आते हो !
मैं यक्सर भूल जाता हूँ तुम्हें
अपना वादा फ़िर भी तुम निभाते हो !
पर मुझे याद है
मैं तो एक अदना सा नर हूँ
तुम्हारे अंश का सौवां हिस्सा
शायद भूल भी इसलिए कर जाता हूँ !
जब भी शरण तेरी गहा तो
तुम झट से नारायण बन जाते हो ! 🤓#good night🤓
अब मार्ग दो मुझको विधाता
मैं भी कमाई कुछ करूँ
सन्मार्ग के पथ का पथिक बन
ऋणमुक्त मैं भी हो सकूं !
जो भी त्रुटियां हो चुकी हैं
अज्ञान या उन्माद में 
अब धर्म मर्यादा में चलकर

🤓good night🤓 अब मार्ग दो मुझको विधाता मैं भी कमाई कुछ करूँ सन्मार्ग के पथ का पथिक बन ऋणमुक्त मैं भी हो सकूं ! जो भी त्रुटियां हो चुकी हैं अज्ञान या उन्माद में अब धर्म मर्यादा में चलकर #नर #पंछी #पाठक #हरे