श्याम की पुरवाई का आगाज हो तुम किसी भीड़ का हिस्सा नहीं .... मेरे एकांत का साथ हो तुम सूर्य☀ उदय और अस्त के मध्य की लालिमा का मनमोहक आभास हो तुम न भौर का तारा ... न टिमटिमाते आकाश का सितारा हो तुम संध्या की लालिमा ओढनी ओढ़े हुए क्षितिज का सूंदर नजारा हो तुम तुम