ज़िंदगी हमेशा इम्तहान लेती रहती है। जीवन के हर मोड़ पर आपको एक से अधिक रास्तों दिखते तो ज़रूर हैं लेकिन हर रास्ता मंज़िल की तरफ तो जाता नहीं । एक ऐसा समय आता है जब आपको यह निर्णय लेना पड़ता है कि रास्ते का चुनाव किस प्रकार किया जाए। लेकिन उसी समय में आपकी नैतिकता, साहस और विश्वास काम आता है। शेरों-शायरी की श्रृंखला में आज हम आपके लिए ऐसे ही आंखें खोल देने वाले शेर लाए हैं- जहां चोट खाना, वहीं मुस्कुराना मगर इस अदा से कि रो दे ज़माना ©@BeingAdilKhan #bicycleride Irfan Saeed sakshi Pandey I_surbhiladha