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1 थोड़े दिन की बात और माँ आँख मेरी खुल जाने दे।




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थोड़े दिन की बात और माँ आँख मेरी खुल जाने दे।
इस दुनिया में एक बार मेरी मइया मुझको आने दे। 

मेरे बाबुल मेरी मइया इतनी आज दया कर दे।
मुझको मेरी साँसें देकर अपना फर्ज अदा कर दे।
एक बार मेरी किलकारी से घर को चँहकाने दे।।
थोड़े दिन की .............. ... ........................
कर्ज नहीं उतरेगा मुझपे माँ तेरे एहसनों का।
गला नहीं घुटने दूँगी मै माँ तेरे अरमानों का।
गोद नहीं पैरों में मइया मुझको शीश झुकाने दे।।
थोड़े दिन की ..........................................
कितनी खुश हुई. होगी माँ ,जब तेरी गोद भरी होगी।
कहीं कोख में मेरी बेटी ,हुई यह सोच डरी होगी।
हर लूँगी हर तेरी वला मुझको दुनिया में आने दे।।
थोड़े दिन की ..........................................
दूध माँ अपने आँचल का चाँहे नही पिलाना तू।
अपने हाथों  से रोटी भी चाँहें नहीं खिलाना तू।
तेरी बेटी होने का हक माँ मुझको मिल जाने दे।।
थोड़े दिन की ...........................................
अगर कोख में मरबा देती तुझको मेरी नानी भी।
जरा सोच माँ इन आँखों से नहीं बहता यह पानी भी।
घर वालों की न कर परवाह उनको शोर मचाने दे।।
थोड़े दिन की .........................................

©Ramavtar Pal
  #mohabbat थोड़े दिन की बात और माँ आँख मेरी खुल जाने दे
ramavtarpal2539

Ramavtar Pal

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#mohabbat थोड़े दिन की बात और माँ आँख मेरी खुल जाने दे #कविता

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