दिल ,दिमाग और जज्बात सब ढूंढ़ते है तुम्हें कहाँ कहाँ नहीं रखता मैं तेरी बातों का हिसाब आइना, खिड़कियां और वो सूना कमरा सब पूछते है तुम्हे कहाँ कहाँ नहीं रखता मैं तेरी वजूद का हिसाब लफ़्ज़...कागज़ और किताब सब खोजते है तुम्हें कहाँ कहाँ नहीं रखता मैं तेरी यादों का हिसाब ।। #परित्यक्त ©Ankit Jha #alone