सुनो, तुम तो, पहले से ही बसते थे मेरे नैनों में काजल की तरह। जब से बन गए हो, मेरे अपने मन उड़ने लगा, गगन में पंछी की तरह। धड़कते हो मेरे दिल में, मेरी धड़कन की तरह। तड़पती हूं तेरे प्यार में, जल बिन मछली की तरह। अब न मैं कभी, कहीं तुमसे दूर जाऊंगी, ना दूर जाने दूंगी तुम्हें। अपना बना कर रखूंगी, हमेशा तुमको अपनी सासों की तरह। ★★ सभी रचनाकारों से अनुरोध है कि लिखने से पूर्व कैप्शन भली भांति पढ़ें★★★ #collabchallenge ★ इस कोलाब को पूर्ण कीजिये एवं तस्वीर के सम्मुख खाली जगह पर ही लिखने का प्रयास करें। ★ तस्वीर के ऊपर अगर शब्द आते हैं तो आपकी रचना को प्रतियोगिता में शामिल नहीं किया जायेगा। .