Nojoto: Largest Storytelling Platform

https://youtu.be/4lGnSThUwSk लौह पुरुष.... *खण्ड-

https://youtu.be/4lGnSThUwSk
लौह पुरुष....

*खण्ड- खण्ड को जोड़ के जिसने, अखण्ड राष्ट्र का सृजन किया |*
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

बापू के वेे अनुयायी थे, खेड़ा से रण में रखे कदम...
भर हुंकार बरदौलि में बोले, न दें लगान की रत्ती हम...
वाणी में थी सिंह गर्जना, उर में थे अनुराग नरम...
बढ़ी ख्याति अखिल हिन्द में, चूर किया सत्ता का भ्रम...
अत्याचार के शासन का, दृढ़ होकर जिसने दमन किया...
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

सदियों से जो नहीं था हुआ, चंद दिनों में सफल किया...
पाँच सौ पैंसठ रजवाड़ों को, कूटनीति से विलय किया...
जूनागढ़ से जनमत लेकर, काश्मीर से सुलह किया...
सबक सिखा करके निजाम को, हैदरबाद में समर किया...
इस्पात के ढाँचे की सेवा का, नये रूप में गठन किया...
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

साहस धैर्य की अनुपम दृष्टि , हिय में थे संजोय हुए...
धरा से उठकर बने हिमालय, जिनकी गुरुता गगन छुए...
अतुल त्याग की मूरत थे वे, लोभ न जिनके निकट गए...
अखण्ड राष्ट्र की एकता हेतु, तन मन धन से अर्पित भए...
उर में धारण कर सेवा भाव, फिर कुरीतियों का दमन किया...
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

कायम रखने राष्ट्र एकता, उच्च पदो का त्याग किया...
विजयी होकर लोभ क्रोध पर, देशहित का साथ दिया...
दूरदर्शिता की शक्ति थी, चीन के प्रति चेताया था...
अमर हुए जब, ज्ञात हुअा तब, खुद को घर न बनाया था...
धन्य हो गयी धरा हिंद की, जो भारत भू पर जनम लिया..
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |
~ वीरेंद्र पटेल

©Veer The Winner #hindi #hindikavita #bestpoetry #mahapurush 

#SardarPatel
https://youtu.be/4lGnSThUwSk
लौह पुरुष....

*खण्ड- खण्ड को जोड़ के जिसने, अखण्ड राष्ट्र का सृजन किया |*
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

बापू के वेे अनुयायी थे, खेड़ा से रण में रखे कदम...
भर हुंकार बरदौलि में बोले, न दें लगान की रत्ती हम...
वाणी में थी सिंह गर्जना, उर में थे अनुराग नरम...
बढ़ी ख्याति अखिल हिन्द में, चूर किया सत्ता का भ्रम...
अत्याचार के शासन का, दृढ़ होकर जिसने दमन किया...
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

सदियों से जो नहीं था हुआ, चंद दिनों में सफल किया...
पाँच सौ पैंसठ रजवाड़ों को, कूटनीति से विलय किया...
जूनागढ़ से जनमत लेकर, काश्मीर से सुलह किया...
सबक सिखा करके निजाम को, हैदरबाद में समर किया...
इस्पात के ढाँचे की सेवा का, नये रूप में गठन किया...
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

साहस धैर्य की अनुपम दृष्टि , हिय में थे संजोय हुए...
धरा से उठकर बने हिमालय, जिनकी गुरुता गगन छुए...
अतुल त्याग की मूरत थे वे, लोभ न जिनके निकट गए...
अखण्ड राष्ट्र की एकता हेतु, तन मन धन से अर्पित भए...
उर में धारण कर सेवा भाव, फिर कुरीतियों का दमन किया...
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |

कायम रखने राष्ट्र एकता, उच्च पदो का त्याग किया...
विजयी होकर लोभ क्रोध पर, देशहित का साथ दिया...
दूरदर्शिता की शक्ति थी, चीन के प्रति चेताया था...
अमर हुए जब, ज्ञात हुअा तब, खुद को घर न बनाया था...
धन्य हो गयी धरा हिंद की, जो भारत भू पर जनम लिया..
*उन युग शिल्पी वल्लभ को सबने, लौहपुरुष कह नमन किया |
~ वीरेंद्र पटेल

©Veer The Winner #hindi #hindikavita #bestpoetry #mahapurush 

#SardarPatel