Nojoto: Largest Storytelling Platform

आबादी साल-दर-साल बढ़ रही , कर रही संसाधनों की बर

आबादी  साल-दर-साल बढ़ रही ,
 कर रही संसाधनों की बर्बादी।

रोटी-कपड़ा-मकान को तो तरस रहे हैं,
पर, बच्चे तो जैसे वहीं बरस रहें हैं।

अशिक्षा कहीं, तो गरीबी कहीं है,
हैरानी कि ज्यादा बच्चे वहीं है ।

छत के लिए तो पेड़ों को काट रहे हैं,
असल में तो खुद की ही सांसों को छांट रहे हैं।

वह दिन दूर नहीं ,
जब अगली पीढ़ी के सवाल हम पर दागे जाएंगे।
"क्यों हम उनके लिए कुछ बचा ना पाए?" 
हम कुछ बता ना पाएंगे।
 
बढ़ती  बन गई है अब मजबूरी,
हमारा संभलना है अब बेहद जरूरी।

सबको जागरूक और शिक्षित बनाना होगा,
रोकथाम के तरीकों को जल्द ही अपनाना होगा।

©Dr. Giridhar Kumar .
आबादी
world population day!

पूरा पढ़िए 
और लिखिए अपने विचार कॉमेंट बॉक्स में
और पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें।
आबादी  साल-दर-साल बढ़ रही ,
 कर रही संसाधनों की बर्बादी।

रोटी-कपड़ा-मकान को तो तरस रहे हैं,
पर, बच्चे तो जैसे वहीं बरस रहें हैं।

अशिक्षा कहीं, तो गरीबी कहीं है,
हैरानी कि ज्यादा बच्चे वहीं है ।

छत के लिए तो पेड़ों को काट रहे हैं,
असल में तो खुद की ही सांसों को छांट रहे हैं।

वह दिन दूर नहीं ,
जब अगली पीढ़ी के सवाल हम पर दागे जाएंगे।
"क्यों हम उनके लिए कुछ बचा ना पाए?" 
हम कुछ बता ना पाएंगे।
 
बढ़ती  बन गई है अब मजबूरी,
हमारा संभलना है अब बेहद जरूरी।

सबको जागरूक और शिक्षित बनाना होगा,
रोकथाम के तरीकों को जल्द ही अपनाना होगा।

©Dr. Giridhar Kumar .
आबादी
world population day!

पूरा पढ़िए 
और लिखिए अपने विचार कॉमेंट बॉक्स में
और पसंद आए तो शेयर करना ना भूलें।