तारों की रोशनी चांद ने ऐसी चांदनी फैलाई, सितारों की चमक मानो खी खी सी गई। चांद की चमक पूरी थी, पर ना जाने क्यूं सितारे इसके सामने अधूरी थी। चांद ना जाने कितना भी बड़ा हो, आखिर दुआ तो सिर्फ सितारों से मांगते हो। चांद की खूबी इतनी है, बिन सितारों की उसकी राह कितनी है। पूरे दर्शन देता हमको, पूजा के लिए प्यासा बनाता कई मांओं को। सितारों ने है खुद को तोड़ा, अपने आप है हमारे सपनो को जोड़ा। यूंही नहीं लगता जनाब, की तारों की रोशनी कहीं गायब हो रही है। ___श्रितिका पांडेय #Chand_tare #spark