जरां तमीज से चलो .... उन पत्तों पे.... जरां तमीज से चलो .... उन पत्तों पे.... वो रास्ता जहाँ तुम चले... चल रहे हो.. चलते रहोगे... उस राह मे, चलते चलते... अक्सर, वहीं पत्तों ने तुम्हें छांव दी थी.. जिनको आज कुचल के तुम चल रहें हो... जरां तमीज से चलो .... उन पत्तों पे.... जरां तमीज से चलो .... उन पत्तों पे.... देखो आज भी...वो....... नंगे पेरो को भी धुप से राहत दे रहे है... उनको भी 'प्रीति' थी पेड़ से बेइंतहा.... उनको भी 'प्रीति' थी पेड़ से बेइंतहा.... पर वक्त ने वक्त बहोत कम दिया... पर फिर भी जिंदगी की कसोटी पर... खरे उतरे हैं.... अपने कर्मो पर... उन्हें कुछ न दे सको न सही... उन्हें कुछ न दे सको न सही... जरां तमीज से चलो .... उन पत्तों पे.... जरां तमीज से चलो .... उन पत्तों पे.... ©khankhan...... (खनखन...👧) #maapa... lost