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नए साल पर गीत लिखूं कुछ, सोच रहा है मन गु

नए  साल  पर  गीत लिखूं   कुछ,  सोच  रहा  है  मन
गुलामी   की   जंजीरों   में   जकड़ा    हुआ   है   तन

नए  साल  पर   धुआ   उड़ाते   बच्चे  हमने   देखे  है
क्या   बच्चे   क्या   बूढ़े    सभी  मदिरा   में   डूबे   है
रात  रात  भर  होगी  मस्ती, गाएंगे सब अंग्रेजी गाना
अश्लीलता   की  हद  होगी,   पर   है  सबको  जाना

नए   साल   पर    कहां    छुपु   सोच   रहा  है   मन
गुलामी   की   जंजीरों   में   जकड़ा   हुआ   है   तन

विदाई  गीत  लिख  दू  मै  भी  बड़ी  कोई  बात  नहीं
भारत है यह आर्यव्रत, अंग्रेजी की कोई औकात नहीं
जब  तक  जिंदा  हूं, भारत का शीश नहीं झुकने दूंगा
नए साल  पर कह दो  सब, मै नववर्ष पर गीत कहूंगा

कैसे गुलामी के  कलंक  को मीटाऊ सोच रहा है मन
गुलामी   की   जंजीरों   में   जकड़ा   हुआ   है   तन

©गंगवार रामवीर
🎙️9456324383 #NojotoQuote #ramveergangwar
नए  साल  पर  गीत लिखूं   कुछ,  सोच  रहा  है  मन
गुलामी   की   जंजीरों   में   जकड़ा    हुआ   है   तन

नए  साल  पर   धुआ   उड़ाते   बच्चे  हमने   देखे  है
क्या   बच्चे   क्या   बूढ़े    सभी  मदिरा   में   डूबे   है
रात  रात  भर  होगी  मस्ती, गाएंगे सब अंग्रेजी गाना
अश्लीलता   की  हद  होगी,   पर   है  सबको  जाना

नए   साल   पर    कहां    छुपु   सोच   रहा  है   मन
गुलामी   की   जंजीरों   में   जकड़ा   हुआ   है   तन

विदाई  गीत  लिख  दू  मै  भी  बड़ी  कोई  बात  नहीं
भारत है यह आर्यव्रत, अंग्रेजी की कोई औकात नहीं
जब  तक  जिंदा  हूं, भारत का शीश नहीं झुकने दूंगा
नए साल  पर कह दो  सब, मै नववर्ष पर गीत कहूंगा

कैसे गुलामी के  कलंक  को मीटाऊ सोच रहा है मन
गुलामी   की   जंजीरों   में   जकड़ा   हुआ   है   तन

©गंगवार रामवीर
🎙️9456324383 #NojotoQuote #ramveergangwar