लाजवाब है ये इश्क़ जो नज़रों में समा कर नज़रे ही बदल देता है .... कभी यार में खुदा देखते थे अब खुदा में यार दिखता है हम तो आशिक़ हैं तेरे #गोविन्द ज़र्रे ज़र्रे में तेरा ही नूर देखते हैं।।।। इश्क़