अच्छा सुनो.. ऐसा नहीं हैं ,कि मैंने तुझसे प्यार करना छोड़ दिया हैं। मगर तूने तो इतना नजरअंदाज किया हैं मेरे प्यार को, कि अब हमने अपने गमों के आँसूओ को, पीना सीख लिया हैं। कि देख हमने भी अब, तेरे बिना जीना सीख लिया हैं। फिर भी एक बात हैं ,प्यार न तब कम था न अब कम हैं। बस तेरी रज़ा न मिली , इसीलिए चाहत तो तुझसे आज भी उतनी ही हैं।बस जो हसरत थी तुझे पाने की दिल की वो इस बात को समझ गया हैं ,जो लड़की प्यार को समझ ही नही सकती उसके वापस आने की उम्मीद करना फिजूल हैं। ~Ravi #बेबाक़ अल्फ़ाज़#ऐसा नहीं हैं कि मैंने तुझसे प्यार करना छोड़ दिया हैं, मगर तूने तो इतना नजरअंदाज किया हैं मेरे प्यार को, कि अब हमने अपने गमों के आँसूओ को पीना सीख लिया हैं। कि देख हमने भी अब तेरे बिना जीना सीख लिया हैं। फिर भी एक बात हैं ,प्यार न तब कम था न अब कम हैं बस तेरी रज़ा न मिली , इसीलिए चाहत तो तुझसे आज भी उतनी ही हैं।बस जो हसरत थी तुझे पाने की दिल की वो इस बात को समझ गया हैं ,जो लड़की प्यार को समझ ही नही सकती उसके वापस आने की उम्मीद करना फिजूल हैं। ~Ravi