एक वक़्त था जब तुझसे बेइंतहा प्यार करता था, अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आए तो फ़र्क़ नहीं पड़ता! एक वक़्त था जब तेरी परवाह किया करता था, अब तो तू मेरी खातिर फना भी हो जाए तो फ़र्क़ नहीं पड़ता! एक वक़्त था जब तुझे तक़लीफ में देख मेरी आँखें भर आया करती थी, तुझे कोई खरोंच भी आ जाए तो मेरी साँस अटक जाया करती थी! लेकिन अब तो बेफिक्री का सुरूर कुछ ऐसा चढ़ा है मुझ पर, कि अगर तेरी सांसे भी थम जाएँ तो फ़र्क़ नहीं पड़ता! एक वक़्त था जब तुझे सेहर-ओ-शाम बैठकर मनाया करता था, गुस्ताखियां तेरी हुआ करती थी और दरख्वास्तें मैं किया करता था! तेरे उस बेवजह रूठने को मनाया है मैंने ना जाने कितनी दफा, कि अब ये पूरी कायनात खफा हो जाए तो फ़र्क़ नहीं पड़ता! एक वक़्त था जब तुझसे प्यार करता था!! Mizaj #Quotes #Nojoto #BeforeAfter