इतने उजाले में भी मुझे दिखता क्यूँ अधेरा है किसी गहरे कुँए में मानो जैसे मेरा बसेरा है समय यहाँ न जाने क्यूँ ठहरा है चीख़ रहा हूँ कबसे, शायद यहाँ हर कोई बेहरा है जीत के लिए लगी न जाने कबसे आस है मंज़िल पाने की खातिर न जाने करना कितना अभ्यास है धीरे धीरे ये कुँए का अंधेरा लगने लगा मुझे सच्चा है ऐसा ही जीवन शायद लगने लगा मुझे अच्छा है Sometimes there is no strength to keep things going, Sometimes there is no water to keep the river flowing. #yqbaba #yqdidi #spectate #finally_arjun