जब ''मैं'' जन्म लेता है इन्सान में इंसानियत खत्म, शैतान जन्म लेता है इन्सान में ! हमारा वजूद तब तक है इन्सान में जब तक अहम् ना हो इन्सान में !! सारा जहाँ घूम लो तकल्लुफ़ ना करो तन्हा दिल रखो सबका सम्मान करो! बेमुरब्बत इश्क जवानी लूट लेता है ! जब इन्सान नहीं रहता इन्सान में!! #सुमित #गुप्ता #बड़गाव