जब कलम चलती है मेरी तो बस तूम्हारे दिल के राज लिखती है अनकही सी वो बाते, अनमिला सा वो लम्हा खामोशी में पला वो, दर्द लिखती हैं जो तूने काहां ना, कभी किसी से वो सारे अरमान लिखती हैं ऐ सून आज ये तेरी मेरी कहानी लिखती हैं #Sumitra kumari ©Vijay Kumar # कलम Gulzar #Gulzar