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#OpenPoetry अब नही बोलोगे, तो कब बोलोगे। जब तुम्हा

#OpenPoetry अब नही बोलोगे, तो कब बोलोगे।
जब तुम्हारी बहन और बेटी का बलात्कार हो जायेगा,
जब तुम्हारा सामना इस दर्द से एक बार हो जायेगा।
तब तुम रोओगे, चीखोगे, शोर मचाओगे,
इस देश के कानून पर अफ़सोस जताओगे,
तब तक बहुत देर हो चुकी होगी,
तुम्हारी बेटी, बहन खो चुकी होगी,
अब वक्त है बोलने का, तो बोलो, 
अब अपनी जबान को खोलो, 
अब इस हिन्दू ,मुस्लिम ,जाति, धर्म को छोड़ो,
एक हिंदुस्तानी का चोला ओढ़ो,
अपनी आवाज़ उठाओ,
जो बलात्कार करता है उसके लिए 
फाँसी की मांग उठाओ।
एक बेटी के पिता की तरफ से, #insaaf
#OpenPoetry अब नही बोलोगे, तो कब बोलोगे।
जब तुम्हारी बहन और बेटी का बलात्कार हो जायेगा,
जब तुम्हारा सामना इस दर्द से एक बार हो जायेगा।
तब तुम रोओगे, चीखोगे, शोर मचाओगे,
इस देश के कानून पर अफ़सोस जताओगे,
तब तक बहुत देर हो चुकी होगी,
तुम्हारी बेटी, बहन खो चुकी होगी,
अब वक्त है बोलने का, तो बोलो, 
अब अपनी जबान को खोलो, 
अब इस हिन्दू ,मुस्लिम ,जाति, धर्म को छोड़ो,
एक हिंदुस्तानी का चोला ओढ़ो,
अपनी आवाज़ उठाओ,
जो बलात्कार करता है उसके लिए 
फाँसी की मांग उठाओ।
एक बेटी के पिता की तरफ से, #insaaf