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एक टुकड़ा धूप का सम्भाल कर रखा था कभी, धुंध भरे ठं

एक टुकड़ा धूप का 
सम्भाल कर रखा था कभी,
धुंध भरे ठंडे दिनों के लिए,
पर जब से दीदार तेरा हुआ प्यारे. . . 
जिन्दगी जैसे गुनगुनी धूप हो गई !!! #कान्हा_की_दीवानी
एक टुकड़ा धूप का 
सम्भाल कर रखा था कभी,
धुंध भरे ठंडे दिनों के लिए,
पर जब से दीदार तेरा हुआ प्यारे. . . 
जिन्दगी जैसे गुनगुनी धूप हो गई !!! #कान्हा_की_दीवानी