White मन रूपी बाग जब महकता है चिंतन से, तो चंदन सा निकलता है, जब लगाता है डुबकी तन, क्रंदन में, तो अमृत सा निकलता है! .... Er. Himanshu Pandey ©Kavi Himanshu Pandey चंदन, अमृत #beingoriginal #nojotohindi