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धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:---- भ्रूण

धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:----
भ्रूण हत्या धर्म विरुद्ध है।
गर्भनिरोधक गोलियां धर्म विरुद्ध हैं।
काम को केवल भोग की वस्तु समझना धर्म विरुद्ध है।
देर से विवाह करना भी धर्म विरुद्ध है, जिस कारण से बुढ़ापे की संतान दु:ख ही भोगती है।
संतान उत्पत्ति एक प्राकृतिक घटना है, आधुनिक संसाधनों का प्रयोग करके संतान उत्पत्ति को रोकने वाले दम्पत्ति धर्म विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।
वेद कहतें हैं, हमारी संतानें वृद्धि को प्राप्त हों और हम शक्ति सम्पन्न और बुद्धिमान तथा कर्मठ संतानों की उत्पत्ति करें।
कम से कम आधुनिक परिपेक्ष में तीन-चार संतान तो उत्पन्न करनी ही चाहिए:----
क्यूंकि ----- यदि आपकी इकलौती संतान है, तब बड़ी कोठी खड़ी करके आपको कुछ नहीं मिलने वाला।
इकलौती संतान भविष्य में बीमारी से मर सकती है।
सड़क दुर्घटना में मर सकती है।
ये भी हो सकता है, कि वह विवाह के योग्य ना हो ---
यदि वह नशे और गलत संगत में पड़ गया तो भी वह किसी भी काम का नहीं ---
धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:----
बच्चे को धर्म और संस्कार युक्त शिक्षा दें।
धर्म कहता है, एक पुत्री ३ वृक्षों के बराबर फलदाई होती है।
धर्म कहता है, एक कन्या ३० पुत्रों के बराबर फलदाई है।
कन्या जितनी अधिक हो उसको बोझ ना समझें।
कन्या और भूमि संसार की दो अमूल्यवान वस्तुएं हैं।
धर्म कहता है:----
कन्या को धर्म और संस्कार की शिक्षा दें ::----

धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:---
धर्म कहता है, शयन कक्ष और रसोई , तथा पूजाघर से लगा हुआ शौचालय घर में दरिद्रता को लाता है, और घर में बीमारी का जनक है।

धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:-----
धर्म कहता है सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिन्दू:----
धर्म कहता है, धर्म के लिए दान कर , धर्म की वृद्धि और धर्म की रक्षा के लिए दान कर ।

धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:---
गौ -- पालन धर्म युक्त कार्य माना गया है, अन्न का संचय धर्म युक्त कार्य माना गया है, भूमि पर कृर्षि धर्म युक्त कार्य माना गया है।

धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:---
मांसाहार और नशा ये दोनों धर्म विरुद्ध कार्य माने गये।
धर्म कहता है, मांसाहार और मद्यपान जिस देश में होता है, वहां जल ठहराव के कारण जिस तरह जल में मच्छर उत्पन्न होते हैं उसी तरह मलेच्छों की संख्या बढ़ती है।
धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई भी हिंदू:---
धर्म कहता है, जो पूर्वज चले गये हम उनके श्रेष्ठ आचरणों का अनुसरण करें यही उनके प्रति श्रद्धा है, वर्ष में एक बार समस्त पित्रों को स्मरण करने के लिए श्राद्ध आता है , उस श्राद्ध पक्ष में श्रद्धा भाव से उनके अच्छे कार्यों का स्मरण करें, और पशुओं को और पंक्षियों तथा जलीय जीवों को भोज दें ----
⚡मुर्दों को ईश्वर मानकर उनकी   पूजा ना करें यह अज्ञानता है और मनुष्य की वृद्धि रोकता है, अर्थात मजार पूजा इत्यादि ना करें, देवताओं के बीच में किसी भी मृतक को ना पूजें,
बल्कि उस मृतक के नाम से किसी देवता या देवी का मंदिर बनवा लें। --
⚡धर्म विरुद्ध कार्य ना करें कोई हिन्दू:--
✨खुदकी खुद के परिवार की देश की रक्षा करे एस्लिए जो करना पड़े करे कोई कसर प्रयासो में ना छोड़े--
⚡धर्म कहता है, मनुष्य बनो।
धर्म कहता है, ज्ञानियों का संग करो।
धर्म कहता है, बुरे कर्मों से बचो।
धर्म कहता है, विद्या अध्ययन करो।
⚡धर्म कहता है, अतिथि सत्कार करो।
धर्म कहता है, मन - वचन और कर्म से आर्य अर्थात श्रेष्ठ बनो।
धर्म कहता है, निरंतर उन्नति करो।
धर्म कहता है, सभी श्रेष्ठ लोगों के साथ संगठित होकर श्रेष्ठ फल की प्राप्ति करो।
⚡धर्म कहता है, उठो जागो और आगे बढ़ो , क्योंकि श्रेष्ठता का यही मार्ग है।
धर्म कहता है, नियमित जीवनचर्या का यथावत पालन करो।
⚡धर्म कहता है, हमारी पांचों कर्मेंद्रियां और पांचों ज्ञानेंद्रियां मन सहित तेजवान और ओजस्वी हों।
🪷

©Manish Rana 
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