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मेरी आंखों के आंसू अब स्याही बनने लगे है मेरे आंसू

मेरी आंखों के आंसू अब स्याही बनने लगे है
मेरे आंसू इसकी गवाही देने लगे है 

मेरी नज़्म मेरी शायरी में लिखी उसकी बेवफाई 
अब लोग पहचानने लगे है 

दर्द में रह कर दर्द लिखना सीखा है 
ये हुनर वो मुफ्त में पाना चाहता है 

आंख से निकला एक आंसू अंदर तक तबाही मचाता है
इस आंसू को वो अपनी लिखावट का सामान बनाना चाहता है

जो दिए दर्द उसने मुझे उस दर्द को अपनी शायरी में उतरना चाहता है
कितना मतलबी हैं वो शक्श मेरे दर्द का भी इस्तेमाल करना चाहता है 


 #आंखें 
#स्याही 
#दर्द 
#yqdidi 
#yqbaba 
#anilkumar
मेरी आंखों के आंसू अब स्याही बनने लगे है
मेरे आंसू इसकी गवाही देने लगे है 

मेरी नज़्म मेरी शायरी में लिखी उसकी बेवफाई 
अब लोग पहचानने लगे है 

दर्द में रह कर दर्द लिखना सीखा है 
ये हुनर वो मुफ्त में पाना चाहता है 

आंख से निकला एक आंसू अंदर तक तबाही मचाता है
इस आंसू को वो अपनी लिखावट का सामान बनाना चाहता है

जो दिए दर्द उसने मुझे उस दर्द को अपनी शायरी में उतरना चाहता है
कितना मतलबी हैं वो शक्श मेरे दर्द का भी इस्तेमाल करना चाहता है 


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#स्याही 
#दर्द 
#yqdidi 
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