मन की कल्पनाएँ धरती में बोया एक बीज हैं, उस पर चिंतन,बीजों को खाद पानी देता है । फिर वह कल्पनाएँ धरती से ऊपर उठती हैं, पहुँचती हैं कवि की क़लम में; क़लम से निकलकर कोरे काग़ज़ पर कुछ फूल खिला देती हैं हर सिम्त में अपनी ख़ुशबू बिखेरने के लिए। यूँही,,,,,, #अनाम #अनाम_ख़्याल #रात्रिख्याल #कोराकाग़ज़ #कलम #फूल #कवि Best YQ Hindi Quotes #anumika