तेरी दुनिया से मेरी दुनिया अलग थी लाजमी था बीच राह में हाथ छुड़ाकर तेरा चले जाना,,,, तेरी तकदीर से मेरी तकदीर जुदा हो गई शायद खुदा ने मेरे हाथों की लकीरों में तुझे ना लिखा,,, गम जुदाई का इस तरह था जैसे जिस्म से रूह निकल जाना,,, सांसों का बेवजह आना जाना